होली के रंग न कर दे मस्ती को भंग
| 2/25/2018 3:08:30 AM

Editor :- monika

मोनिका सिंह, नई दिल्ली: मस्ती और सरूर का नाम है होली। लेकिन कई बार यह मस्ती और सरूर रंग में भंग कर देता है। डॉक्टरों का कहना है कि रंगों में मिले केमिकल्स की वजह से होली कई बार सेहत को नुकसान पहुंचा देता है। मुंह के जरिए पेट में जाने से, आंखों में जाने से और नाक के जरिए गले तक पहुंचने से इस कमेकिल्स का सेहत पर बुरा असर होता है।

इस बारे में हार्ट केयर फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. के. के. अग्रवाल का कहना है कि होली खेलते वक्त रंग को मुंह के अंदर न जाने दें, क्योंकि सिंथेटिक रंगों में मिले मेलासाइट और माइका जैसे केमिकल सांस की नली, हार्ट व किडनी जैसे महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

कालरा हॉस्पिटल के डॉ. आर. एन. कालरा का कहना है कि केमिकल के साथ-साथ डिटर्जेंट और रेत मिलाकर भी गुलाल तैयार करने लगे हैं। ऐसा गुलाल न सिर्फ स्किन, बल्कि आंखों, सांस की नली और बालों के लिए भी खतरनाक हो सकता है।

आई-7 के डायरेक्टर डॉ. संजय चौधरी कहते हैं कि केमिकल वाले हरे रंग में मैलासाइट ग्रीन होता है, जो आंखों के लिए काफी खतरनाक होता है। ऑरामाइन, मीथाइल वायलेट, रोडामाइन और ऑरेंज जैसे रंग फोटोटॉक्सिक कलर्स हैं। इनसे स्किन प्रॉब्लम हो सकती है।


Browse By Tags



Videos
Related News

Copyright © 2016 Sehat 365. All rights reserved          /         No of Visitors:- 554506