जयपुर के 30 वर्षीय युवक का दिल धड़का दिल्ली के 56 वर्षीय व्यक्ति में
| 4/4/2018 1:16:35 PM

Editor :- Deba Sahoo

जयपुर के डोनर के दिल की उपलब्धता पर बीएलके सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के उच्चस्तरीय दक्ष और प्रशिक्षित डॉक्टरों की टीम ने तत्काल सक्रियता दिखाई और उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद जिले के कनौनी गाँव में रहने वाले 56 वर्,य सरकारी कर्मचारी की जीवनरक्षक सर्जरी करते हुए दिल का प्रत्यारोपण किया। 56 वर्षीय मरीज को असाध्य रोग था, जिसे डायलेटेड कार्डिमायोपैथी कहा जाता है। वह एक ऐसी स्थिति में पहुँच चुका था, जहाँ से उसे रोजमर्रा की गतिविधियों में श्वास लेने में दिक्कत महसूस हो रही थी। अचानक बेहोश हो जाता था। कई बार ऐसा उसके साथ हो चुका था। यह तो भाग्य अच्छा था कि रोग के इन झटकों को वह सह गया क्योंकि यह घटनाएं आसान नहीं थी। ऊपर से रोग भी असाध्य था। ठीक हो ही नहीं सकता था। ऐसे में मानवीय आधार पर यह ट्रांसप्लांट किया गया क्योंकि रिसीवर निम्न आय वर्ग का था। सर्जरी के पैसे भी नहीं लिए गए। सफल प्रत्यारोपण के बाद, मरीज की सेहत में सुधार है। उसके दो बेटे और दो बेटियाँ हैं।

बीएलके सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में यह हृदय प्रत्यारोपण संभव हुआ, जब जयपुर के एक 30 वर्षीय पुरुष को जयपुर के एसएमएस अस्पताल में ब्रेन डेड घोषित किया गया। उसकी कुछ ही दिन पहले सड़क दुर्घटना हुई थी। गुर्दे और आंखों का प्रत्यारोपण जयपुर के एसएमएस अस्पताल में ही कया गया। लिवर और दिल को दिल्ली भेजा गया था।

जैसे ही एनओटीटीओ ने दिल के डोनर की उपलब्धता की सूचना दी, बीएलके सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में सीटीवीएस विभाग के चेयरमैन और एचओडी, डॉ. अजय कौल के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम तत्काल हरकत में आई। दो अप्रैल को तड़के फ्लाइट से वे जयपुर पहुँचे। सीटीवीएस में सीनियर कंसल्टेंट और डायरेक्टर, डॉ. सुशांत श्रीवास्तव, कार्डियोलॉजी में कंसल्टेंट डॉ. धीरज गंडोत्रा, एनेस्थेशिया के डायरेक्टर और एचओडी डॉ. जसबीर सिंह खनूजा ने तीन अप्रैल की रात को जयपुर में ह्दय को हार्वेस्ट किया।

हार्वेस्टेड हार्ट ने रात 10.05 की फ्लाइट से उड़ान भरी और स्पेशल केस होने की वजह से बिफोर-टाइम इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 पर रात 10:47 बजे पहुंची। आईजीआई एयरपोर्ट से बीएलके सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के बीच 15 किलोमीटर की दूरी पर एक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया, जिससे रात को ही 18 मिनट में ह्दय अस्पताल तक पहुँच सका। तब डॉ. अजय कौल और उनके साथ उनकी टीम ने तीन अप्रैल की सुबह ह्दय का प्रत्यारोपण किया।

डॉ. अजय कौल, चेयरमैन और एचओडी, सीटीवीएस, बीएलके सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, ने कहा- “रिसीवर पिछले कुछ सालों से ह्दय की जटिलताओं से जूझ रहा था। जुलाई 2017 में बीएलके सुपर स्पेशलिटी में उसे पेसमेकर लगाया गया था। पेसमेकर लगाने के 4-5 महीने बाद भी उसे अचानक आंखों के आगे अंधेरा छाने और बेहोश होने की समस्या हो रही थी। बेहतर क्वालिटी ऑफ लाइफ के लिए ह्दय प्रत्यारोपण ही आदर्श विकल्प था।”

रेडिएंट लाइफ केयर के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर, अभय सोई ने कहा, “यह बहुत उत्साहवर्द्धक है कि हमारे एक्सपर्ट्स ने सफलतापूर्वक हृदय प्रत्यारोपण किया। ऐसे प्रत्यारोपण जागरूकता पैदा करते हैं और बहुमूल्य जीवन बचाने के लिए लोगों को अंगदान के लिए प्रोत्साहित करते हैं। यह संतोषजनक है कि हम एक जरूरतमंद रोगी के जीवन को बचा सके। बीएलके सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में, यह प्रत्यारोपण उपयुक्त रूप से 'उपचार के हमारे जुनून' की पुष्टि करता है...”


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