70 वर्षीय मरीज के हार्ट वाल्व से निकाली छह सेमी की फंगस बॉल
| 8/9/2022 10:35:38 PM

Editor :- Mini

नई दिल्ली
कोविड काल में बीमार हुए हार्ट वाल्व सर्जरी करा चुके एक 70 वर्षीय मरीजों को चिकित्सकों ने नया जीवन दिया। मरीज का वजन कम हो रहा था, हीमोग्लोबिन लेवल लगातार गिर रहा था, इसके साथ ही मरीज की खांसी भी नहीं रूक रही थी। कुछ अस्पतालों ने जांच में पाया कि मरीज की छाती में कुछ चकत्ते दिख रहे हैं, लेकिन कहीं भी इलाज कराने के लिए मरीज के बेटे को तसल्ली नहीं मिली। गुरूग्राम के फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट के चिकित्सकों ने टीईई(ट्रांस इसोफेगल इकोकोर्डियोग्राम)जांच में पाया कि मरीज के हार्ट वाल्व में एक बड़ा सा फंसग है, जिसकी वजह से मरीज को छाती में दर्द भी हो रहा था। इसके बाद वाल्व बदलने और फंसग को निकालने की सर्जरी की गई।
फोर्टिस अस्पताल के चिकित्सकों ने सर्जरी की तमाम चुनौतियों का सामना करते हुए फंगस को निकालने का फैसला लिया, इसके लिए उन्हें मरीज को नया वाल्व भी लगाना पड़ा। अस्पताल के कार्डियोथॉरेसिस एंड वॉस्कुलर सर्जरी सीटीवीएस के डायरेक्टर डॉ. उद्गीथ धीर ने बताया कि फंगल एंडोकार्डियाटिस एक असामान्य स्थिति है वाल्व रिपलेस्मेंट के पचास प्रतिशत मरीजों में ऐसी स्थिति देखी जाती है, मरीज के एओटिक वाल्व को करीब छह सेमी आकार के फंगल बॉल ने ढक रखा था। डॉ. उद्गीथ ने बताया कि फंगस का असर खून में भी बढ़ रहा था, जिससे बाकी अंगों पर भी असर पड़ सकता था। इसके लिए सबसे पहले चिकित्सकों ने मरीज के शरीर को डीटॉक्सिफाइड करने के लिए स्पेशल फिल्टर्स की मदद से एऑटिव वाल्व सर्जरी की, इस दौरान मरीज को आर्टिफिशियल हार्ट लंग्स मशीन पर रखा गया। ऐसे मामलों में अधिकतर मरीज की मौत हो जाती है क्योंकि हार्ट बीट के साथ फंगल बॉल बाहर की तरफ धकेलती जाती है, इस वजह से मरीज को गंभीर पैरालिटिक अटैक भी हो सकता था या फिर किडनी या लिंब की समस्या भी हो सकती थी। एओटा क्योंकि शरीर के सभी हिस्सों में रक्त की आपूर्ति करती है इसलिए पूरी संभवना थी कि फंगस का असर मरीज के प्रत्येक भाग में जल्द ही पहुंच जाता, फंगस कुछ हिस्सों को कवर कर चुका था जिसकी वजह से मरीज का प्लेटलेट्स स्तर लगातार गिर रहा था। सर्जरी के दौरान फंगल बॉल निकालने के साथ ही मरीज को नया वाल्व भी लगाया गया। सर्जरी के तीन महीने बाद जांच की गई तो पाया गया कि वाल्व ठीक तरीके से काम कर रहा है।
मालूम हो कि मरीज की वर्ष 2017 में एओटिक वाल्व सर्जरी हुई थी और वर्ष 2021 जनवरी मरीजों में उन्हें कोविड हुआ था। इसी बीच मरीज को दस दिनों तक स्टेरॉयड दवाओं पर रखा गया, डॉ. धीर ने कहा कि फंगस की एक वजह स्टेरॉयड भी हो सकते हैं, लेकिन ऐसे मामलों में मल्टीपल फैक्टर्स को जिम्मेदार माना गया है।


Browse By Tags



Videos
Related News

Copyright © 2016 Sehat 365. All rights reserved          /         No of Visitors:- 556233