त्यौहार सुरक्षित मनाने के लिए एम्स निदेशकों ने दी सलाह
| 8/24/2021 12:58:47 PM

Editor :- Mini

उत्सव प्रधान हमारे देश में त्यौहार का मौसम शुरू हो गया हैं। कोरोना संक्रमण की संख्या में भले ही कमी आ रही हो, लेकिन इसको लेकर सचेत रहने की जरूरत है। आने वाले समय में एक के बाद एक त्यौहार आ रहे हैं। साथ ही आपको अपने प्रियजनों से मिलने का मन भी होगा क्योंकि लॉकडाउन के कारण आप लंबे समय से किसी से नहीं मिले हैं। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) नई दिल्ली सहित कई राज्यों के एम्स के निदेशकों ने विशेष सतर्कता बरतने की अपील की है।
एम्स नई दिल्ली के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया का कहना है कि कोरोना वायरस की बीमारी अभी खत्म नहीं हुई है. हमें अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। अधिक जरूरी नहीं हो तो घर से बाहर निकलने से से बचें। जब भी घर से बाहर निकलें, मास्क लगाकर ही निकलें। साबुन से हाथ धोते रहें। जब किसी चीज को स्पर्श करें, तब सैनिटाइजर का उपयोग जरूर करें। त्यौहार मनाते हुए इस साल जो कमियां रह जाएंगी, उन्हें अगले साल पूरी कर लेंगे। अभी स्वास्थ्य जरूरी है। मित्र और प्रियजनों से वर्चुअली मिलें। फोन पर या सोशल मीडिया के जरिए बात कर लें। एम्स रायबरेली उत्तर प्रदेश के निदेशक डॉ. अरविंद राजवंशी का कहना है कि यदि हम सभी सख्ती से कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन करें तो निश्चित रूप से महामारी की किसी भी लहर को रोका जा सकता है। इसके लिए लोगों को कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन करनाहोगा, सही तरीके से मास्क पहनें, हाथों को लगातार साफ करते रहें या सैनेटाइज करते रहे, भीड़ भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। सामाजिक दूरी का पालन करें आदि कोविड से बचाव के लिए प्राथमिक स्तर के प्रयास हैं। सरकार सभी तक समान रूप से वैक्सीन पहुंचाने का प्रयास कर रही है। यदि लोग अपनी आदतों में कुछ चीजों को शामिल कर लें, तो कोरोना की अन्य लहरों को रोका जा सकता है। आप महामारी को भगा सकते हैं। आखिर यह कैस संभव है? एम्स भोपाल के निदेशक डॉ सरमन सिंह कहते हैं कि हमें यह सुनिश्चितकरना चाहिए कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए उपचार दिशानिर्देशों का समान रूप से पालन किया जाए। हमें बीमारी की गंभीरता, विभिन्न निवारक उपायों और टीकाकरण के महत्व के बारे में लोगों को शिक्षित करने के लिए पंचायतों, ग्राम सभाओं और गांवों में समुदाय के प्रभावशाली लोगों को जोड़ने की जरूरत है। इन स्थानीय निकायों को भविष्य कीआपदाओं को कम करने के लिए स्थानीय स्तर पर बुनियादी ढांचे के विकास पर भी जोर देना चाहिए। बिहार की राजधानी पटना के एम्स निदेशक डॉ पीके सिंह ने कहा कि कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन करना संक्रमण की चेन ही नहीं रोकेगा बल्कि इससे हम सरकार को टीकाकरण की वजह सेपूरी आबादी पर पड़ने वाले सरकार के आर्थिक बोझ को भी कम कर सकता है। कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन करने के मामले में लोग अधिक गंभीर नहीं हैं, यह बेहद दुखद है कि ग्रामीण इलाकों में आप आज भी ऐसी स्थिति देख पाएगें जहां लोग कोविड अनुरूप आदतों को नजरअंदाज करते हैं, उन्हें लगता है कि वह कोविड से संक्रमित नहीं होगें और कोरोना वायरस उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता। लोगों के इस व्यवहार के महत्व को समझना होगा, कोविड की अगली किसी भी लहर से हम तब ही बच सकते हैं जबकि व्यापक स्तर पर कोविड का वैक्सीन लगवाया जाए और वैक्सीन लगने के बाद भी कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन किया जाए। एम्स रायपुर, छत्तीसगढ़ के निदेशक और सीईओ डा. नितिन एम नागरकर बता रहे हैं कि कोविड की दूसरी लहर बहुत गंभीर थी और इसने राज्य को बुरी तरह प्रभावित किया, मार्च 2021 की शुरूआत में 6.5 लाख केस देखे गए और बहुत से लोगों की जान चली गई। संक्रमण की उस स्थिति में मृत्यु दर 1.4 प्रतिशत थी। संक्रमण की दूसरी लहर का असर ग्रामीण क्षेत्र पर भी दिखा, सही मायने में संक्रमण की दृष्टि से शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में अधिक अंतर नहीं देखा गया। संक्रमण शहर से गांव, छोटी जगह से बड़े कस्बे और शहर से गांवों तक ऐसी जगहों पर फैल गया जहां लॉकडाउन होने के बाद भी पाबंदियों का सख्ती से पालन नहीं किया जा रहा था। इसके साथ ही श्रमिकों का शहर से गांव की ओर पलायन भी ग्रामीण इलाकों में कोविड के मामले बढ़ाने की बड़ी वजह बना। लोग अब संक्रमण के प्रति जागरूक हो रहे हैं, लेकिन उसे उन्हें अपनी नियमित दिनचर्या में शामिल करना होगा। हम यदि महामारी को नियंत्रित करना चाहते हैं तो हमें कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन करना ही होगा औरयह हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है।


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