कैंसर ट्यूमर के लिए दिल्ली में बनेगा वर्चुअल ट्यूमर बोर्ड
| 2/11/2022 4:03:50 PM

Editor :- Mini

नई दिल्ली,
कैंसर मरीजों की बीमारी यदि ट्यूमर युक्त है तो इसका इलाज करना काफी मुश्किल हो जाता है। सबसे पहले तो यह पता लगाया जाता है कि ट्यूमर कैंसर युक्त (बिनाइन) है या गैर कैंसर युक्त। कैंसर युक्त ट्यूमर के इलाज के लिए पूर्वी दिल्ली स्थित, दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में अब अधिक बेहतर इलाज संभव हो सकेगा। इसके लिए संस्थान ने स्विटरजलैंड की एक कंपनी रोश फार्मा के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया है। इस क्रम में संस्थान में वर्चुअल ट्यूमर बोर्ड की स्थापना की जाएगी, जिसका मकसद जटिल से जटिल ट्यूमर पर चर्चा करना होगा, इसमें जाने माने ऑनकोलॉजी विशेषज्ञ वर्चुअली जुड़ सकेंगें और मरीज के लिए अधिक बेहतर इलाज के विकल्प उपलब्ध होगें।
दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट और रोश फार्मा के बीच तीन साल की साक्षेदारी पर हस्ताक्षर किए गए है, जिसके तहत केवल डीएससीआई ही नहीं दिल्ली के अन्य अस्पताल में भी कैंसर इलाज की सुविधा बेहतर करने के लिए चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टॉफ के साथ सामंजस्य स्थापित किया जाएगा। इस संदर्भ में दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट एक रेफरल यूनिट के आधार पर कार्य करेगा, इस साक्षेदारी का मुख्य उद्देश्य कैंसर को प्राथमिक चरण पर पहचान कर उसका बेहतर इलाज करना रहेगा, इसके साथ ही विश्व स्तरीय ऑनकोलॉजी सुविधाओं का प्रशिक्षण दिल्ली के अन्य अस्पताल के पैरा मेडिकल और मेडिकल स्टॉफ को देना भी इंस्टीट्यूट का मुख्य उद्देश्य रहेगा। मौके पर उपस्थित दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने कहा कि पीपीपी मॉडल पर आधारित इस व्यवस्था से कैंसर के मरीजों का अधिक बेहतर इलाज किया जा सकेगा इसी क्रम में संस्थान में कैंसर युक्त ट्यूमर की पहचान के लिए संस्थान में वर्चुअल ट्यूमर बोर्ड का गठन किया जाएगा जिससे मरीज के कैंसर की स्थिति पर अंंतराष्ट्रीय विशेषज्ञों के साथ मंत्रणा की जा सके। इस अवसर पर उपस्थित दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. किशोर सिंह ने कहा कि दिल्ली में तेजी से कैंसर के मरीज बढ़ रहे हैं, मरीजों के बेहतर इलाज और प्रारंभिक स्तर पर कैंसर की पहचान के लिए स्विटजरलैंड की फार्मा कंपनी रोश फार्मा के साथ की गई इस साक्षेदारी का लाभ दिल्ली वासियों को मिलेगा, इस साक्षेदारी से कैंसर ट्रीटमेंट मे स्किल डेवलपमेंट के साथ ही इलाज के संसाधनों को भी बेहतर किया जा सकेगा। संस्थान की क्लीनिकल ऑनकोलॉजी की विभागाध्यक्ष डॉ. प्रज्ञा शुक्ला ने बताया कि इस साक्षेदारी के माध्यम से हम कैंसर के मरीजों के इलाज के लिए अंतराष्ट्रीय विशेषज्ञों से कैंसर के लिए तैयार किए गए ग्लोबल मानकों के आधार पर इलाज कर सकेगें जिसका फायदा मरीजों को बेहतर इलाज के रूप में मिलेगा। मालूम हो पूर्वी दिल्ली स्थित दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट दिल्ली सहित बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश से संस्थान में इलाज कराने के लिए आते हैं। संस्थान में ओपीडी में सलाना चार लाख मरीजों का पंजीकरण होता है, जिसें 35 फीसदी मरीज दिल्ली और 65 फीसदी मरीज गाजियाबाद, मोहननगर और लोनी से आते हैं, संस्थान में हर साल चालीस हजार मरीजों की कीमोथेरेपी की जाती है। रोश फार्मा कैंसर तकनीक में विश्वस्तरीय मानक को अपनाने वाली स्विटरजरलैंड की कंपनी है।



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