क्लोन सेल्स से होगा सोरायसिस का इलाज
| 3/4/2017 1:56:50 PM

Editor :- Rishi

नई दिल्ली: त्वचा की सोरायसिस बीमारी का इलाज क्लोन सेल्स के जरिए होगा। अमेरिकन एकेडमी ऑफ डरमेटोलॉजी ने तीन चरण के परिक्षण के बाद नये इलाज की अनुमति दी है। जिससे क्रानिक और गंभीर दोनों तरह के सोरायसिस का इलाज किया जा सकता है। मालूम हो कि सोरायसिस एक तरह का त्वचा असंक्रमित डिस्ऑर्डर है, जिससे शरीर में लाल चक्ते पड़ जाते है। इसे ऑटोइम्यून बीमारी भी कहा जाता है।

नये इलाज में शरीर की ही क्लोन सेल्स से तैयार एंटीबायोटिक को इलाज के लिए इस्तेमाल किया गया। एक निजी फार्मा कंपनी के रिसर्च एंड डेवलपमेंट विभाग ने क्लोन सेल्स के तीन चरण का सफल परीक्षण किया है। जिसको मार्च में होने वाले अंर्तराष्ट्रीय डरमेटोलॉजी सेमिनार में औपचारिक अनुमति दी जाएगी। इस बावत एम्स के त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. कौशल किशोर ने बताया कि सोरायसिस में अनियंत्रति सायटोकिन त्वचा सेल्स शरीर में चक्ते और धब्बे बनाती है। बीमारी का इलाज संक्रमित सेल्स को नियंत्रति करके करने की कोशिश की जाती है, लेकिन क्योंकि के सटीक इलाज के लिए संक्रमित पहली सेल्स की पहचान जरूरी है, इसलिए 80 प्रतिशत मामलों में दवाओं को कारगर नहीं माना जाता। नये प्रमाणित इलाज में मोनोक्लोनल सेल्स को मरीज की त्वचा की सेल्स से बनाया जाता है। जो शरीर में पहुंच कर अनियंत्रति सायटोकाइन आईएल-23 पर सीधे असर करती है। क्योंकि क्लोन सेल्स मरीज के ही शरीर की होती है इसलिए इसके पैथाजन अधिक प्रभावी और कारगर होते हैं। अप्रैल महीने से सोरायसिस के नये इलाज की शुरूआत की जा सकेगी।

बीमारी का कितना असर
क्रानिक इम्यून बीमारी के अकेले अमेरिका में 7.5 लाख लोग मरीज हैं, जबकि विश्वभर में बीमारी का आंकड़ा 125 लाख है। चंडीगढ़ पीजीआई द्वारा किए गए एक अध्ययन में भारत में सोरायसिस के 2.3 प्रतिशत आंकड़ा देखा गया है। जिसमें अकेले उत्तर भारत के अमृतसर शहर में 2.2 प्रतिशत लोगों में सोरायसिस देखा गया।

कैसे तैयार होगें क्लोस सेल्स
अब तक के परीक्षण में चूहों के स्पील सेल्स से मोनोक्लोनल सेल्स को लैबारेटरी में तैयार किया गया। चूहों की स्पीन सेल्स में मायेलोमा सेल्स को मिलाया गया, दोनों के फ्यूजन से तैयार हाईब्रीडोमा सेल्स को तीन हफ्ते तक कल्चर किया गया। इस प्रक्रिया से तैयार मोनोक्लोनल एंटीबाडी सेल्स को इलाज के लिए इस्तेमाल किया गया। मानव परीक्षण में चूहों के स्पीन सेल्स की जगह मरीज की स्पीन सेल्स को लिया जा सकता है।


Browse By Tags



Videos
Related News

Copyright © 2016 Sehat 365. All rights reserved          /         No of Visitors:- 557736