इरविन कॉलेज करेगा महिलाओं की डायट पर शोध
|
6/12/2018 9:22:18 PM
Editor :-
Mini
नई दिल्ली
लेडी इरविन कॉलेज को पहली बार मातृत्व स्वास्थ्य रक्षा कार्यक्रम में शामिल किया गया है। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की मदद से कॉलेज के खाद्य एवं पोषण विभाग में नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस एंड एडवांस रिसर्च ऑन डायट शुरू किया गया है। इसका उद्देश्य गर्भवती महिलाओं के संतुलित आहार का खाका तैयार करना, महिलाओं को प्रशिक्षण देना और शोध करना शामिल है। केन्द्र पर शुरू के पांच साल में एनीमिया की शिकार गर्भवती महिलाओं को प्रमुखता से शामिल किया गया है।
यूनिसेफ की मदद से शुरू किए गए इस शोध केन्द्र में इस बात का ध्यान विशेष रूप से रखा जाएं कि नौ महीने के गर्भकाल के दौरान महिलाओं का वजन न अधिक हो और न ही कम। मातृत्व एवं शिशु रक्षा कार्यक्रम में मौजूद यूनिसेफ के प्रभारी रार्बट जॉन्सटन ने बताया कि गर्भधारण में संतुलित आहार की अहम भूमिका है, गर्भधारण का पता लगते ही महिलाएं या तो बहुत खाने लगती हैं या फिर महिलाओं को जरूरत के अनुसार भी पोषण नहीं मिल पाता। इसका असर नवजात शिशु की सेहत पर पड़ता है। अधिक वजन बढ़ने पर शिशु की मस्तिष्क के विकास पर असर पड़ता है तो एनीमिक या गर्भधारण पर वजन कम होने पर शिशु कुपोषण का शिकार हो सकता है। इसलिए महिलाओं को इस बात का प्रशिक्षण दिया जाना जरूरी है कि वह नौ महीने के दौरान ऐसा क्या खांए कि उनका वजन इस समय 12 किलो से अधिक न हो। लेडी इरविन कॉलेज यूनिसेफ की मदद से गर्भवती महिलाओं की सेहत से जुड़े आंकड़े सरकार तक पहुंचाएगा। इसके लिए स्थानीय स्तर पर कलावती सरन बाल चिकित्सालय एंड लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर पापुलेशन साइंस और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रीशियन को भी शामिल किया गया है। दिल्ली के बाद मातृत्च स्वास्थ्य के लिए एक्सीलेंस सेंटर बिहार, मध्यप्रदेश, उड़ीसा और तेलंगाना में शुरू होगा।
क्या होगा शोध केन्द्र का काम
- सेमिनार और सुझावों को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय तक पहुंचाना, जिससे आगे मातृत्व स्वास्थ्य के लिए अधिक बेहतर योजनाएं तैयार की जा सकें।
- गर्भधारण के समय अधिक वजन भी शहरी क्षेत्रों की अहम समस्या है, इसके लिए प्रशिक्षण तक सभी वर्ग की महिलाओं को पहुंचाना और स्तनपान की जरूरत का प्रशिक्षण देना शामिल है।
- मातृत्व स्वास्थ्य से जुड़े पैरामेडिकल और मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव का प्रशिक्षण देना
- महिलाओं में एनीमिया को रोकने के लिए एक बेहतर डायट चार्ट तैयार करना जिससे अधिक वजन और कम वजन की समस्या का समाधान हो सके।
- प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना को प्रभावी ढंग से लागू करना।
Browse By Tags
Related News
-
महिलाओं, बच्चों और किशोरों के लिए महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं में कटौती को उलटने के लिए कार्य करना चाहिए
-
19 साल की उम्र में उच्च रक्तचाप की दुर्लभ बीमारी को ठीक किया
-
स्तन से दो किलोग्राम ट्श्यिू हटा कर छोटे किए विशालकाय स्तन
-
निसंतान दंपति कब ले सकते हैं सेरोगेसी से संतानसुख
-
प्रजनन दर में आई गिरावट, दो बच्चों तक सिमटा परिवार
-
मां का दूध नहीं फटकने देता तनाव को करीब
-
कोरोना महामारी में दिल्ली में विधवा हुईं 791 महिलाएं, सरकार को सौंपी रिपोर्ट
-
गर्भवती महिलाएं 13वें हफ्ते में लगवाएं कोविड वैक्सीन तो अधिक बेहतर
-
गर्भवती महिलाओं के लिए कोविड वैक्सीन गाइडलाइन जारी
-
ऑन लाइन क्लॉस के लिए तीन बकरियां बेच लिया स्मार्ट फोन
-
एमपी मीनाक्षी लेखी का हीमोग्लोबिन कम, नहीं कर पाईं रक्तदान,
-
अमेरिका की इस अभिनेत्री ने कहा, प्रेगनेंसी के बाद हुआ तनाव
-
कोविड-19 महामारी के बीच मां बनी महिलाओं में बढ़ रही अवसाद, चिंता :अध्ययन
-
कोरोना पॉजिटिव गर्भवती को कराया घंटों इंतजार
-
महावारी में असहनीय दर्द इंडोमीट्रिओसिस की वजह से भी हो सकता है
-
15 साल तक की 90 प्रतिशत लड़कियों को एचपीवी टीका
-
टीनेजर्स मां के बच्चे होते हैं कमजोर
-
गर्भपात की समयावधि को लेकर छिड़ी बहस
-
बलात्कार पीड़ितों की सहायता के लिए एम्स में शोध केन्द्र
-
वो लग रही थी प्रेगनेंट, पेट में था ट्यूमर
-
70 फीसदी गर्भवती एनीमिया की शिकार
-
पांच में से एक लड़की मासिक धर्म शुरू होने के बाद स्कूल नहीं जा पाती
-
भारत में चार में से तीन से महिलाएं ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित
-
यूरिनरी टैक्ट इंफेक्शन से बचने के लिए जागरूकता कार्यक्रम
-
ऑफ्टर 30 कैंपेन में महिलाओं की समस्या का समाधान
-
स्वस्थ्य शिशु का गर्भपात, मर्डर करने जैसा
-
इरविन कॉलेज करेगा महिलाओं की डायट पर शोध
-
सुरक्षित मातृत्व की दिशा में जागरुकता के प्रयास जरूरी :विशेषज्ञ
-
शादी करने से depression हो सकता है कम: अध्ययन
-
सिर्फ 29 साल की उम्र में ही पीरियड बंद, जानें क्यूं